Wednesday, May 12, 2010

पाकिस्तान का देशप्रेम, वो भी चुराया हुआ!!!

Youtube वेबसाईट के बारे में आप सब जानते होंगे। बड़ी अच्छी साईट है। कभी भी कोई भी गाना सुनना हो आराम से खोजें ओर बेफिक्र होकर सुने। ऐसे ही कई गाने, खासकर पुराने गाने सुनने का शौक़ीन हूँ। जब भी मन करता है Youtube पर जाता हूँ और गाने सुन भी लेता हूँ। एक रात यूँही बैठे-बैठे देशभक्ति का जज्बा दिल में उबाल मारने लगा। बचपन में स्कूल में स्वतंत्रा दिवस ओर गणतंत्र दिवस के दिन कई गाने गाया करता था। उनमे से जो मेरा सबसे प्रिय गाना था वो था, जागृति फिल्म का 'आओ बच्चों तुम्हे दिखाएँ झांकी हिन्दुस्तान की।' उस रात भी इसी गाने की खोज में मैं Youtube पंहुचा। गाने को खोजा और उम्मीद मुताबिक़ तुरंत मिल भी गया। एक गाने की लिंक भी साथ में आ रही थी। गाना थोडा अटपटा लग रहा था इस लिए उसकी तरफ भी मुखातिब हुआ। वही संगीत और हुबहू वैसे ही बोल, फर्क सिर्फ इतना कि उस गाने में सैर पाकिस्तान की हो रही थी। माथा ठनका। फिल्म का पता किया तो मालूम हुई की 'बेदारी' नाम की एक फिल्म पाकिस्तान में बनी थी 1957 में जो बिलकुल 'जागृति' को उठा कर उर्दू में बनाई गयी एक फिल्म थी।
हम हिन्दुस्तानियों से 'जागृति' फिल्म की अहमियत छुपी नहीं है। अगर तीन सबसे बढ़िया देशभक्ति फिल्म के नाम लिए जायेंगे तो 'जागृति' जरूर उनमे से एक होगी। फिल्म की बात अगर थोड़ी देर छोड़ भी दी जाये और सिर्फ गानों की बात की जाये, तो इस फिल्म के गाने हमेशा हर हिन्दुस्तानी की जुबान पर रहते हैं। हमें हमारी हिंदुस्तानियत की याद दिलाते हैं इस फिल्म के गाने। जागृति में चार गाने हैं। बिलकुल वैसे ही चार गाने 'बेदारी' में भी हैं।
1954 में जागृति आई और इसके तीन साल बाद 1957 में पाकिस्तान में बनी बेदारी। सब कुछ जागृति जैसा। हिंदी के संवाद उर्दू में बोले गए, गानों की संगीत और सूरत के साथ कोई छेड़-छाड़ नहीं की गयी बस बोल बदल दिए गए। जहां जहां हिन्दुस्तान था वहाँ वहाँ पाकिस्तान कर दिया गया। जहां गाँधी की महिमा का गुणगान हो रहा था वहाँ जिन्नाह की शख्शियत बुलंद होने लगी। हेमंत कुमार साहब के संगीत से कोई छेड़-छाड़ नहीं हुई बस नाम फ़तेह अली खान साहब का लिख दिया गया। प्रदीप के बोलों को बखूबी मुनव्वर सुल्ताना ओर सलीम राजा ने पाकिस्तानी जुबां दे दी। बाकी सब कुछ वैसा ही। देशभक्ति के जज्बे में कोई बदलाव नहीं किया गया, जो जागृति में था उसे वैसे ही उठा कर पेश कर दिया गया। जागृति हमारे यहाँ कामयाब हुई और बेदारी ने पाकिस्तान में कामयाबी के झंडे गाड़े।
ज़रा सोचिये, जिस मुल्क को अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए अपने पडोसी राष्ट्र, जिन्हें वो दुश्मन का दर्ज़ा देते हैं, से यदि गाने और फिल्म चुराने पड़े तो उस मुल्क के देशप्रेम को क्या आँका जाये। मैं ये नहीं कहता कि हमारे हिन्दुस्तान में फिल्म और संगीत चुराए नहीं जाते, मगर इतना जरूर है कि देशभक्ति के जज्बे की जब बात आती है तो वहाँ हमें किसी और से कुछ चुराने की जरुरत नहीं पड़ती। खैर, काफी संवेदनशील मामला है इसलिए ज्यादा नहीं लिखूंगा यहाँ पर, मगर जिनके अन्दर तिनके बराबर भी देशप्रेम है उनके लिए कुछ लिखना जरूरी भी नहीं। मैं कोई अलग नहीं हूँ जो मेरे अन्दर कुछ अलग भावनाएं आएँगी। निचे देखिये 8 गाने के लिंके दिए जा रहे हैं, 4 जागृति के और 4 बेदारी के। गानों को देखिये, उन्हें सुनिए और कुछ महसूस कीजिये। जो महसूस होगा ठीक वही भावनाएं मेरे अन्दर भी हैं, इसलिए कुछ लिख नहीं रहा। धन्यवाद!!!














11 comments:

Rahul said...

this is insane from Pakistan as xpected .
ROFL !!!!

एक बेहद साधारण पाठक said...

ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha

i have no words

just ha ha ha ha ha ....

Admin said...

नक्कालों से सावधान।।

Vikas Kumar said...

kisi pakistani ka comment aaya ki nahi

anshuman anshu said...

there is a difference between nationalism & jingoism

दिवाकर मणि said...

आशु भाई, क्या गजब का संकलन है आपका...
भई मान गए आपको और आपकी यू-ट्युब पर लगी हुई पारखी नजर दोनों को...

Pramendra Pratap Singh said...

बहुत खूब भाई, अच्‍छी खोज है।

Himanshu Mohan said...

सबसे आसान यही है कि गानों के वीडियो देख लिए जाएँ - तो शब्दों के जाल से बचा जा सकता है। और क्या बोले कोई?

arpitkumar said...

is trah ki bate anavasyak prteeta hoti hai

zeeya said...

aap kiya kiya goron ka churatay ho ye kisi se nahi chupa...
or jesay aapko aazadi mili thi british serkaar se , wesay hi pakistan ko bhi mili thi, rahi bat ganay copy kernay ki, to aap to pakistani singers ke ganay hratay ho or saath mein national television pe aa ke kehtay ho ke ye dhunn to mujhko khwaab mein soojhi thi, im pointing towards altaf raja's song "pehlay to kabhi kabhi gham tha"
or ab hamaray singers ko bula bula ke apni films mein gavatay ho, apnay haan itnay singers hein to kiya wo kano ko nahi bhaatay ab?
baat kertay hein... chor bolay chor chor....
tumhari ashoka.... brave heart ki copy... deshbhagti ke naam pe mat jao, her topic ki film to churatay ho west ki, or mucic hamara kiya, arabic kiya, latin kiya or english kiya, konsa music hai jo chora hai tumhara anu malik ne jo churaya nahi hai......

Aashu said...

@जीया जी: मानता हूँ कि अनु मालिक ने कई गाने गोरों से चुराए हैं मगर अपने मुल्क की अस्मिता को दर्शाने के लिए हमें पडोसी मुल्क के गीतों को चुराने के कभी जरुरत नहीं पड़ी. आपको शर्म नहीं आती, जिस मुल्क को आप अपने यहाँ के बाढ़ जैसे natural disaster के लिए भी दोषी मुक़र्रर कर देते हैं उसी से अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए गीत चुराते हैं?

रही बात आपके मुल्क के फनकारों को हमारे देश में गाने गाने की तो इसपर तो आपको शर्म आनी चाहिए, कि आपका मुल्क ऐसे करिश्माई फनकारों को दो वक़्त की रोटी भी नहीं दे सकता जो उन्हें कमाने के लिए हमारे यहाँ आना पड़ता है. बम और गोलों के धमाकों के बीच रहकर आपकी रूह बहरी हो चुकी है और संगीत की आपके मुल्क में कोई क़द्र नहीं रह गयी है.

अरे जिस देश के पास अपनी देशभक्ति के लिए 4 लाइनें लिखने वाले गीतकार न हो उस देश का क्या होगा. जिन्नाह साहब ने जिस पाक इरादे से इस पाकिस्तान को बनाया था पता नहीं वो इरादे कहाँ चले गए. भारत के लिए आप एक नासूर बनकर रह गए हो. दुनिया को आपमें सिर्फ नापाक इरादे ही नज़र आते हैं. अरे आपके मुल्क की क्या बात करूं. पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जिसका भूत में कोई वजूद नहीं था, वर्त्तमान गर्दिशों में जा चुका है, और भविष्य में किस पाताल में होगा कोई कल्पना भी नहीं कर सकता!